Gemini AI Nano Banana Image Privacy: सोशल मीडिया और AI-उपकरणों की दुनिया में एक नया ट्रेंड बेहद लोकप्रिय हो गया है: Google Gemini AI Photos का Nano Banana नामक फीचर, जिसके ज़रिए लोग अपनी तस्वीरों को 3D मॉडल, रेट्रो साड़ी लुक या एनिमेटेड कैरेक्टर वगैरह में बदल रहे हैं। यह ट्रेंड सुंदर और आकर्षक तो है ही, लेकिन इससे जुड़े सुरक्षा और गोपनीयता के सवाल भी उठ रहे हैं — विशेष रूप से ये कि क्या ऐसी फोटो शेयर करने से आपकी लोकेशन या अन्य संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है।
आज हम इस लेख में इस विषय की गहराई से चर्चा करेंगे — सच क्या है, क्या कहा गया है कंपनी द्वारा, क्या खतरे हो सकते हैं, और आप स्वयं कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
Privacy पर Google क्या कहता है?
• गूगल ने बताया है कि Gemini पर जब आप फोटो अपलोड करते हैं, तो वह फोटो सेफ हैं। उनका कहना है कि ये सिर्फ उनके सर्वर पर प्रोसेस होती है। बिना आपकी परमिशन के ये तीसरी पार्टियों को साझा नहीं की जाती हैं।
• साथ ही, गूगल दावा करता है कि Gemini उपकरण यूरोप के GDPR (General Data Protection Regulation) और अमेरिका के CCPA (California Consumer Privacy Act) जैसे सख्त डेटा प्रोटेक्शन नियमों का पालन करता है।
कानूनी व नियामक पहलू
जैसा कि कहा गया, GDPR और CCPA जैसे कानूनों के तहत कंपनी को ये बताना होगा कि वह कौन-सी डेटा इकट्ठा कर रही है, किस उद्देश्य से कर रही है, और कितने समय तक रखेगी। उपयोगकर्ता के अधिकार हैं जैसे डेटा एक्सेस, सुधार, हटाना आदि।
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मेटाडेटा (Metadeta) से लीक हो सकता है डाटा ?
विशेषज्ञ बताते हैं कि लोकेशन लीक होने का वास्तविक खतरा मेटाडाटा से है। मेटाडाटा किसे कहते हैं? कुछ बिंदु इस प्रकार हैं:
• जब आप कोई फोटो लेते हैं, तो उस फोटो के साथ बहुत सारी जानकारी जुड़ी होती है — जैसे कि किस तारीख और समय पर ली गई, कौन सा डिवाइस इस्तेमाल हुआ, कैमरा सेटिंग्स आदि।
• सबसे ज़रूरी: लोकेशन यानी GPS का डेटा अक्सर मेटाडाटा में सेव होता है। यदि आप इसे क्लियर न करें और किसी प्लेटफ़ॉर्म पर फोटो अपलोड कर दें, तो आपकी लोकेशन (या कम-से-कम फोटो लेने की जगह) उजागर हो सकती है।
यानि कि साड़ी वाला ट्रेंड या 3D मॉडल ट्रेंड ख़तरा खुद नहीं है , ख़तरा है कि आपने फोटो से ये मेटाडाटा हटाया है या नहीं।
सुरक्षा के लिए सुझाव- फोटो शेयर करने से पहले ये ज़रूर करें
नीचे कुछ प्रैक्टिकल सूझाव हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी गोपनीयता को बेहतर बना सकते हैं:
मेटाडाटा हटाएँ:
फोटो भेजने से पहले EXIF/metadata साफ करें — विशेषकर लोकेशन (GPS) डेटा को हटा दें। कई मोबाइल ऐप्स और एडिटिंग टूल इस सुविधा देते हैं।
पारदर्शी परमिशन सेटिंग:
जब कोई ऐप या सर्विस फोटो अपलोड की अनुमति मांगे, तो ध्यान दें कि वह किस उद्देश्य के लिए ले रही है — सिर्फ शेयर के लिए, AI मॉडल ट्रेंड के लिए, या प्रशिक्षण आदि के लिए।
लोकेशन सर्विस ऑफ रखें:
मोबाइल फोन में लोकेशन (GPS) सर्विस को अक्सर अनचाहे तरीके से सक्रिय नहीं रहने दें। सिर्फ जरूरत या उपयोग के समय ऑन करें।
विश्वसनीय टूल्स और ऐप्स चुनें:
लोकप्रिय और भरोसेमंद ऐप्स जिनके प्राइवेसी पॉलिसी स्पष्ट हैं, उनका ही उपयोग करें। Open-source या कम प्रसिद्ध ऐप्स के मामलों में बहुत सतर्कता बरतें।
सोशल मीडिया शेयरिंग सेटिंग्स देखें:
यह देखें कि जब आप फोटो शेयर कर रहे हैं, तो सेटिंग्स ऐसी हों कि केवल मित्रों या विश्वसनीय लोगों को दिखाई दे। सार्वजनिक (public) शेयरिंग से बचें यदि फोटो व्यक्तिगत या संवेदनशील हो।
AI टूल की प्राइवेसी नीति पढ़ें:
जिस कंपनी का टूल आप उपयोग कर रहे हैं — उनकी प्राइवेसी नीति को ध्यान से पढ़ें कि वे आपकी फोटो से क्या-क्या डेटा इकट्ठा करते हैं और किस तरह उपयोग करते हैं।
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“साड़ी वाली फोटो” हो या AI जनरेटेड “3D मॉडल वाली फोटो” — ख़तरा सीधे उस ट्रेंड से नहीं, बल्कि उस तस्वीर से जुड़े मेटाडाटा से है, विशेष रूप से लोकेशन डेटा से। Google Gemini AI जैसे टूल्स इन ट्रेंड्स को आसान बनाते हैं और दावा करते हैं कि आपका डेटा सुरक्षित है, लेकिन आपकी स्वयं की सावधानी ही आपको असली सुरक्षा दे सकती है।
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