Public News CG|केंद्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) राशन कार्ड धारकों की संदिग्ध सूची जारी होते ही पलारी नगर सहित पूरे जिले में हितग्राहियों में खलबली मच गई है। इस सूची में उन 1.31 लाख लोगों को शामिल किया गया है, जिनके पास ढाई एकड़ (2.47 एकड़) से ज्यादा जमीन है। बताया जा रहा है कि जल्द इनके राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है। सूची के जारी होने के बाद से ही सैकड़ों की संख्या में लोग अपना नाम और जमीन का विवरण जांचने के लिए नगर पंचायत के चक्कर लगा रहे हैं।
लोगों में डर का माहौल
नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे हितग्राहियों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती थी। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर उनका राशन कार्ड निरस्त हो गया तो परिवार के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। पलारी नगर में जैसे ही इस सूची की मुनादी हुई, लोग झुंड के झुंड नगर पंचायत पहुंच गए ताकि यह पता लगा सके कि उनका नाम इस संदिग्ध सूची में तो नहीं है। कई लोगों ने अधिकारियों के सामने अपनी गरीबी का प्रमाण देने की कोशिश भी की।
पटवारियों से कराएंगे सत्यापन, उसके बाद रद्द करेंगे कार्ड
शासन द्वारा राशन कार्ड में दर्ज सभी नामों का सत्यापन कराया जा रहा है, जिसमें यह देखा जाएगा कि प्रत्येक हितग्राही के नाम पर कितनी जमीन दर्ज है। इसके लिए पटवारियों से जमीन का सत्यापन कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। संदिग्ध हितग्राहियों की सूची को पारदर्शी बनाने के लिए इसे ग्राम पंचायतों, नगर पंचायतों और राशन दुकानों पर भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि लोग अपना ब्यौरा स्वयं जांच सकें। फिलहाल, यह सत्यापन अभियान जारी है और अंतिम निर्णय के पहले हितग्राहियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना सही लोगों तक लाभ पहुंचाना है।
हम वास्तविक गरीब हैं: हितग्राही
नगर पंचायत पहुंचे एक हितग्राही तीजबती यादव, रेखा यादव, संतोषी, पदेशनिन आदि ने कहा, 'हम वास्तविक गरीब हैं। हमारे पास न जमीन है, न ही पैसा। हम सिर्फ यह जानने आए हैं कि हमारा नाम इस सूची में तो नहीं आ गया है। अगर ऐसा हुआ तो हमारे परिवार का पेट कैसे भरेगा?' इसी तरह की बात अन्य लोगों ने भी कही, जो अपना कार्ड बचाने के लिए बेताब नजर आए।
केंद्र और राज्य के मापदंडों में अंतर
इस पूरे मामले की जड़ केंद्र और राज्य सरकार को केंद्र सरकार ने ढाई एकड़ से अधिक जमीन वाले परिवारों को संदिग्ध माना है, वहीं राज्य सरकार के अपने पात्रता मानदंड हैं। जिला खाद्य अधिकारी तना राम वर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, 'केंद्र सरकार के निर्देश पर ही यह सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में कुल 1,31,794 लोगों को ऐसा पाया गया है, जिनके पास 2.47 एकड़ से अधिक जमीन है।
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