जांजगीर-चांपा। मृत्यु जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं ! मृत्यु व्यक्ति के लिए एक ऐसी सच्चाई हैं जिसका सामना देर सबेर हर किसी को करना पड़ता हैं । मृत्यु के बाद स्थिति क्या होता हैं इस बारे में विभिन्न धर्मों , जातियों और संस्कृतियों में अलग-अलग मान्यताएं सन्निहित हैं। साहित्यकार शशिभूषण सोनी का मानना हैं कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद आत्मा का अस्तित्व बना रहता हैं जबकि अन्यान्य लोगों का मानना हैं कि मृत्यु के साथ ही जीवन का अंत हो जाता हैं । कुछ धर्मों और संप्रदाय में पुनर्जन्म की मान्यता हैं ,जबकि अन्य धर्मों में स्वर्ग और नर्क की अवधारणा हैं
मृत्यु के बाद की श्रद्धांजलि
जब कोई प्रियजन हमें छोड़कर जाता हैं तो हमें दुःख और शोक होता हैं । ऐसे में हम उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में उनकी याद में कुछ शब्द कह सकते हैं या कुछ ऐसा कर सकते हैं जो उन्हें याद दिलाए । स्टेशन रोड स्थित मंझली तालाब चांपा के समीप निवासी चंद्रकांत साहू की अर्द्धांगिनी श्रीमति निलिमा साहू दिनांक 25 अक्टूबर 2025 दिन शनिवार को इस नश्वर शरीर को छोड़कर चली गई। उन्हें श्रद्धांजलि देने से हमें अपने दुःख को व्यक्त करने और अपने प्रिय मित्र चंद्रकांत साहू की पत्नी की यादों को संजोने में आज जरुर मदद मिलती हैं।
सामाजिक, धार्मिक और घर-परिवार की कुशल गृहिणी श्रीमति निलीमा साहू के अचानक अवसान की खबर सुनकर मन द्रवित हो गया हैं , उनकी असामयिक मृत्यु से एक सुंदर परिवार पर दु:कों का पहाड़ टूट पड़ा हैं ,उनके पति और मेरे प्रिय मित्र चंद्रकांत साहू जी और उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
एक जीवन की यादें
निलीमा साहू का जीवन एक प्रेरणा था , उनकी ममतामयी छाया और प्यार ने उनके साहु परिवार को एक सूत्र में बांध रखा था । आज उनकी यादें हमेशा उनके परिवार के साथ रहेंगी ।
प्रयागराज भारतवर्ष के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थानों में से एक हैं । इस स्थान पर अनगिनत यज्ञ, साधु-संतों का सत्संग तथा त्रिवेणी संगम होने के कारण इसका नाम प्रयागराज पड़ा। कुंभ के परम पवित्र पर्व का उlल्लेख वैदिक ग्रंथों में मिलता हैं। समुद्र मंथन के बाद कुभ कलश से अमृत सुधा रस की कुछ बूंदें सर्वप्रथम प्रयागराज को प्राप्त हुई थी । गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर बसा प्रयागराज में हिंदू धर्म के लोग अस्थियों का विसर्जन करने के बाद विभिन्न मंदिरों का दर्शन करते हैं।
श्रीमती निलिमा साहू को पब्लिक न्यूज़ परिवार की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित। पब्लिक न्यूज़ "खबरें वही जो काम आए "तथा शशिभूषण सोनी लेखक ने उनकी आत्मा को शांति मिले और उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में शक्ति और सहारा मिले, यही ईश्वर से प्रार्थना करता हैं। गौरतलब हैं कि श्रीमति निलिमा का जन्म 28 अक्टूबर ,1993 और स्वर्गारोहण दिनांक 25 अक्टूबर, 2025 को हुआ।
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