मनरेगा का नाम बदलकर हुआ ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’, सरकार का बड़ा फैसला
PUBLIC NEWS|केंद्र सरकार ने 12 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना (Pujya Bapu Gramin Rozgar Yojana) कर दिया है। यह बदलाव ग्रामीण विकास को नई दिशा देने और योजना को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
सरकार ने सिर्फ नाम ही नहीं बदला, बल्कि योजना के तहत मिलने वाले लाभ भी बढ़ा दिए हैं। अब ग्रामीण मजदूरों को न्यूनतम 125 दिन का गारंटीड रोजगार मिलेगा। पहले यह अवधि 100 दिन थी। इसके साथ ही मजदूरों की न्यूनतम दैनिक मजदूरी बढ़ाकर ₹240 प्रति दिन कर दी गई है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आय में बढ़ोतरी होगी।
यह योजना मूल रूप से 2005 में नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (NREGA) के रूप में शुरू की गई थी। बाद में इसमें बदलाव कर इसे महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (MGNREGA) नाम दिया गया। अब एक बार फिर इसका नया नाम सामने आया है – पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना।
सरकार के इस कदम से उम्मीद है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और श्रमिकों को अधिक आर्थिक सुरक्षा मिलेगी। यह बदलाव न सिर्फ ग्रामीण रोजगार को मजबूती देगा बल्कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सिद्धांतों को भी नई दिशा प्रदान करेगा।
