Public News CG: बारिश खत्म होते ही आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके लिए परिवहन विभाग ने हाउसिंग बोर्ड को एजेंसी बनाया है। साथ ही निर्माण के लिए 1 करोड़ 79 रुपए उसके खाते में ट्रांसफर भी कर दिए हैं। परिवहन विभाग ने 9 महीने का समय दिया है यानी अगले जून-जुलाई तक ट्रैक का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।
प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, महासमुंद, अंबिकापुर, जशपुर और जगदलपुर में ऑटोमेटेड कंप्यूटराइज्ड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक करीब ढाई-ढाई एकड़ में बनाना है। दुर्ग में ट्रैक का निर्माण पुलगांव में होगा, जिसके लिए परिवहन विभाग को जमीन पहले ही मिल चुकी थी। फंड मिलते ही तत्काल हाउसिंग बोर्ड को हैंडओवर कर दिया गया, लेकिन तब तक बारिश का सीजन शुरू हो चुका था। ऐसे में निर्माण शुरू करना संभव नहीं रह गया। लिह्यजा विभागीय अधिकारी बारिश सीजन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार ढाई एकड़ परिसर में एक ऑफिस बिल्डिंग होगी और भारी, हल्के और दोपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग ट्रैक होंगे। इसमें हाउसिंग बोर्ड भवन और आरसीसी ट्रैक का निर्माण करके देगी और परिवहन विभाग अपनी सुविधा के हिसाब से सेंसर लगाएगी। उसी के आधार पर ड्राइविंग टेस्ट होगा। ऑनलाइन पास या फेल का परिणाम आएगा। इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना भी थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। नियम के मुताबिक गाड़ी नहीं चलाने पर अब सेंसर ही जानकारी दे देगा। अफसरों के मुताबिक वर्तमान में लर्निंग फोर और टू व्हीलर का 355 और स्थाई का 1,050 रुपए शुल्क है।
टेस्ट के दौरान गलती पर जलने लगेगी लाल बत्तीः
ट्रैक पर जगह-जगह पर सेंसर लगा रहेगा। इसके साथ ही ड्राइविंग टेस्ट देने वाले की ऑनलाइन वीडियोग्राफी रिकार्डिंग होगी। रिवर्स एस, रिवर्स पैरेलल पार्किंग में चालक की जरा सी गलती पर लाल बत्ती जलने लगती है। गियर या ब्रेक लगने या क्लच दबाने में चूक होने पर सेंसर फेल कर देता है। निर्धारित समय में टेस्ट पूरा न करने पर भी फेल हो जाएगा। वहीं सेंसर के माध्यम से परिवहन विभाग का अमला कंप्यूटर मानीटर में ड्राइविंग टेस्ट देने वाले के चलाने के तरीके पर नजर भी रखेगा। बोर्ड सिविल काम करेगा बाकी सेंसर जैसे टेक्निकल कार्य परिवहन विभाग खुद करेगा टेस्टिंग में सख्ती करने से हादसों में आएगी कमी, गड़बड़ी थी थमेगी
जल्द निर्माण शुरू होगा
ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के निर्माण के लिए जमीन मिल गई है। निर्माण के लिए हाउसिंग बोर्ड को नोडल बनाया गया है। ट्रैक निर्माण के लिए जरूरी राशि बोर्ड के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। बोर्ड सिविल काम करेगा।
एसएल लकड़ा, परिवहन अधिकारी, दुर्ग



