हिंदी दिवस 2025: हिंदी राजभाषा है या राष्ट्रभाषा? जानें हिंदी दिवस का महत्व-HINDI Diwas 2025

हिंदी दिवस 2025: हिंदी राजभाषा है या राष्ट्रभाषा? जानें हिंदी दिवस का महत्व-HINDI Diwas 2025

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भारत की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान में हिंदी का स्थान बेहद अहम है। यह देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने के काम करती है। इस भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas 2025) मनाया जाता है।

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हालांकि, हिंदी से जुड़ा एक विवाद (Hindi Diwas Debate) अक्सर सुनने को मिल जाता है कि हिंदी हमारी राजभाषा (Hindi Official Language) है या राष्ट्रभाषा। कई लोगों के मन में यह कन्फ्यूजन रहती है। यह अंतर समझना भारत की भाषाई विविधता और संवैधानिक व्यवस्था को समझने के लिए बेहद जरूरी है। आइए जानें हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला है या राष्ट्रभाषा का।

राष्ट्रभाषा और राजभाषा में अंतर क्या है?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि राजभाषा और राष्ट्रभाषा में अंतर क्या है। राष्ट्रभाषा किसी भी राष्ट्र की सांस्कृतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक एकता का प्रतीक होती है। यह जनता द्वारा स्वाभाविक रूप से अपनाई गई और राष्ट्रीय पहचान से जुड़ी भाषा होती है। भारत के संविधान में किसी भी भाषा को 'राष्ट्रभाषा' का दर्जा नहीं दिया गया है।

वहीं राजभाषा वह भाषा है जिसका इस्तेमाल सरकारी कामों, प्रशासन, न्यायपालिका और संसद के कामकाज के लिए किया जाता है। यह एक आधिकारिक भाषा है। भारत ने संविधान के जरिए हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया है।



हिंदी को कब और कैसे मिला राजभाषा का दर्जा?

हिंदी को राजभाषा का दर्जा 14 सितंबर, 1949 को मिला था। यह फैसला भारत की संविधान सभा में हुई एक लंबी बहस के बाद लिया गया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ही हिंदी को भाषा के रूप में काफी प्रोत्साहित किया जाने लगा था। महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने इसे जनता की भाषा मानते हुए इसके प्रसार पर जोर दिया। स्वतंत्रता मिलने के बाद संविधान सभा में भाषा को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। इस दौरान दक्षिण भारत के कुछ प्रतिनिधियों ने चिंता जताई कि हिंदी का वर्चस्व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं, खासतौर से तमिल, तेलुगु, कन्नड़ आदि के लिए खतरा बन सकता है।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक फैसला लिया गया और संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के तहत हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। साथ ही, यह भी प्रावधान किया गया कि अगले 15 सालों तक अंग्रेजी का इस्तेमाल सभी कामों के लिए जारी रहेगा। इस तरह, 26 जनवरी, 1950 को जब भारत का संविधान लागू हुआ, तब से हिंदी आधिकारिक रूप से भारत गणराज्य की राजभाषा बन गई।

भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है "हिन्दी"

2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदी बोलने वालों की संख्या भारत की कुल आबादी का 43.63% है। वर्तमान में यह 60 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है।यह भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक है।

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भारत के बाहर भी है हिंदी का क्रेज 

भारत के अलावा, दुनिया भर के कई अन्य देशों में भी हिंदी बोली जाती है, जिनमें नेपाल, मॉरीशस, फिजी, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम, यूनाइटेड किंगडम और अन्य कई देशों में बड़ी संख्या में लोग हिंदी बोलते और समझते हैं। फिजी जैसे कुछ देशों में तो हिंदी एक आधिकारिक भाषा भी है।

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