हवाई जहाज के ब्लैक बॉक्स की तरह सब रिकॉर्ड कर रहा है Smart Meter, सर्वर में सेव हो जाती है कोई भी छेड़छाड़

हवाई जहाज के ब्लैक बॉक्स की तरह सब रिकॉर्ड कर रहा है Smart Meter, सर्वर में सेव हो जाती है कोई भी छेड़छाड़

स्मार्ट मीटर अब सिर्फ बिजली की खपत मापने वाला यंत्र नहीं रहा बल्कि यह बिजली चोरी को पकड़ने वाला ब्लैक बॉक्स बन गया है। रुड़की में एक घटना से पता चला कि यह मीटर छेड़छाड़ को रिकॉर्ड करके सबूत बनाता है। यह मीटर करंट वोल्टेज और लोड में गड़बड़ी का रिकॉर्ड रखता है जो सर्वर में 10 साल तक सुरक्षित रहता है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now
Facebook page Follow us

अगर आप स्मार्ट मीटर को सिर्फ बिजली खपत का हिसाब रखने वाला संयंत्र समझने की भूल कर रहे हैं, तो जरा इसकी खूबियों से वाकिफ हो जाएं। रुड़की के गुरुकुल नारसन में स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ ने यह राज खोल दिया है कि स्मार्ट मीटर सिर्फ रीडिंग दर्ज करने तक सीमित नहीं है यह हवाई जहाज के ब्लैक बॉक्स की तरह काम करने वाला अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक डेटा रिकॉर्डर है, जो बिजली चोरी के लिए की गई किसी भी छेड़छाड़ को रिकॉर्ड कर डिजिटल सबूत बना देता है स्मार्ट मीटर सप्लाई नेटवर्क में गड़बड़ी, करंट के प्रवाह, लोड, वोल्टेज स्थिरता, आवृत्ति में अनियमितता का पूरा रिकॉर्ड सेव कर रिपोर्ट सर्वर को भेजता है। यह जानकारी सर्वर में दस साल तक सुरक्षित रहती है। इसे बिजली चोरी या गड़बड़ी के मामले में सबूत माना जाता है यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव कहते हैं, स्मार्ट मीटर पावर सप्लाई के प्रत्येक उतार-चढ़ाव को मेमोरी में रिकॉर्ड कर लेता है। स्मार्ट मीटर कवर खोलने, मीटर हटाने या चुंबक लगाने की वारदात को समय सहित दर्ज करता है

उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर के अंदर फ्लैश मेमोरी लगी होती है, जिसमें बिजली खपत व घटनाओं का रिकॉर्ड खंडों में सुरक्षित रहता है। यह डेटा दस वर्षों तक नहीं मिटता, जब तक नया डेटा पुराने को ओवरराइट न कर दे। डेटा को एन्क्रिप्टेड मोड में सर्वर को भेजा जाता है, अधिकृत लोग ही इसे पढ़ते हैं। किसी प्रकार की छेड़छाड़ इसमें दर्ज हो जाती है, जो बाद में उपभेाक्ताओं के लिए मुश्किल बनती है।

मप्र में 2400 से अधिक बिजली चोरी के मामले पकड़े

मप्र के भोपाल में तो स्मार्ट मीटर लगाने के बाद 2,400 से अधिक बिजली चोरी के मामले सामने आए। इन मीटरों ने बिजली चोरी की पहचान की, जिससे यह साबित हुआ कि स्मार्ट मीटर ब्लैक बॉक्स के रूप में कार्य कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने वास्तविक डेटा रिकॉर्ड किया और बिजली चोरी का पता लगाया।


कोई भी छेड़छाड़, स्मार्ट मीटर में सब रिकॉर्ड हो जाता है

छेड़छाड़ पहचान प्रणाली-मीटर में लगा सेंसर किसी भी छेड़छाड़ (मीटर का ढक्कन खोलना, मैग्नेट लगाना, बाईपास करना) को तुरंत पकड़ता है रीडिंग को उल्टा चलाना- अगर उपभोक्ता मीटर रीडिंग को उल्टा चलाने की कोशिश करता है, तो मीटर रिवर्स एनर्जी फ्लो को दर्ज कर लेता है खपत में गिरावट-मीटर हर 15 मिनट पर बिजली खपत का रिकॉर्ड बनाता है, अचानक खपत में गिरावट पर चोरी का शक होता है वोल्टेज-करंट असमानता- मीटर बताता कि प्रयुक्त करंट के अनुसार रीडिंग बढ़ी या नहीं, अगर रीडिंग कम है तो बाईपास या चोरी की संभावना चुंबकीय छेड़छाड़- उपभोक्ता अगर चुंबक लगाकर रीडिंग धीमी करने की कोशिश करता है तो मीटर उसे मैग्नेटिक टैम्पर के रूप में दर्ज करता है घटनाक्रम अभिलेख-हर छेड़छाड़ समय के साथ दर्ज होने पर बाद में जांच में पता चलता है कि कब और कितनी बार चोरी का प्रयास हुआ।

 यह भी पढ़ें 👉 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने